साँप काटने पर जीसे मारा हुआ समझ कर बहा दिया था नदी में। ११ साल बाद वापस लौटा
जैसा की आपको नाम पढ़ कर ही लग रहा होगा की ये एक फ़िल्मी घटना है लेकिन ये एक वास्तविक घटना है। कभी कभी ऐसी ऐसी घटनाये हो जाती है हमारे पास जिसपे भरोसा कारना आसान नहीं होता है। और आज भी हम आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने वाले है जिसपे भरोसा करना किसी के लिए भी आसान नहीं है। ११ साल पहले करीब २००६ में जिसे मरा हुआ समझ कर उसके मा बाप ने उसे नदी में बहा दिया था अचानक वो लौट आया है। और उसके बाद उसके माँ बाप का ख़ुशी का ठिकाना न रहा। आइये जानते है पूरी खबर क्या है इस कहानी के पीछे।
उप्पर वाले का चम्तकार
कई लोग ये सुन कर हैरत में पड गए है लेकिन लड़के के माँ बाप के लिए यर सब भगवन का चमत्कार से काम नहीं है। और ये होना भी चाहिये जिस लड़के को उनोहने मरा हुआ मान कर नदी में बहा दिया था वो अचानक से लौट कार आजाये तो ये चमत्कार ही कहेंगे ऊपर वाले का। ये घटना है बुलंद शहर उत्तर प्रदेश में है। जो लोग भी इसे सुन रहे दूर -दूर से देखने आ रहे है।
जब इलाज़ के बाद भी नहीं बच पाया
बुलंद शहर के खुर्जा थाना चौकी के माता घाट सिथित पन्नी नगर में रहने वाले पदम सिंह के ९ साल के बेटे दीपक की मौत ६ जुलाई २००६ को साप काटने से हुई थी। जब बच्चे को साप ने कटा था उसके बाद उसके परिवार वालो ने उसका खूब इलाज करवाया था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। और आखिर में उन्होंने उसे मरा हुआ मान कर नदी में बहा दिया था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था वो कहते है न जाको रखे साइयाँ मार सके ना कोई। और ११ साल बाद वो लड़का वापस घर लौट अता है।
आगे पढ़े :- कैसे लौटा वो अपने घर
उप्पर वाले का चम्तकार
कई लोग ये सुन कर हैरत में पड गए है लेकिन लड़के के माँ बाप के लिए यर सब भगवन का चमत्कार से काम नहीं है। और ये होना भी चाहिये जिस लड़के को उनोहने मरा हुआ मान कर नदी में बहा दिया था वो अचानक से लौट कार आजाये तो ये चमत्कार ही कहेंगे ऊपर वाले का। ये घटना है बुलंद शहर उत्तर प्रदेश में है। जो लोग भी इसे सुन रहे दूर -दूर से देखने आ रहे है।
जब इलाज़ के बाद भी नहीं बच पाया
बुलंद शहर के खुर्जा थाना चौकी के माता घाट सिथित पन्नी नगर में रहने वाले पदम सिंह के ९ साल के बेटे दीपक की मौत ६ जुलाई २००६ को साप काटने से हुई थी। जब बच्चे को साप ने कटा था उसके बाद उसके परिवार वालो ने उसका खूब इलाज करवाया था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। और आखिर में उन्होंने उसे मरा हुआ मान कर नदी में बहा दिया था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था वो कहते है न जाको रखे साइयाँ मार सके ना कोई। और ११ साल बाद वो लड़का वापस घर लौट अता है।
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